।श्री गणेशाय नमः।
। श्री स्वामी सामर्थाय नमः ।
जय गणेशा, जय गणाधीशा ,जय जय गणराया ।
जय रिद्धीसिद्धीसहिता ,जय बुद्धीदाता ,जय जय विघ्नहर्ता ।
जय शिवा ,जय शंकरा ,जय जय महादेवा ।
जय पार्वती, जय उमा ,जय जय गौरी माता ।
जय स्कंदा ,जय कार्तिका ,जय जय सनतकुमारा ।
जय नर्मदा ,जय रेवा, जय जय पापमोचकी ।
जय विघ्नहर्ता पुण्यदाता,रहे सदा संकट का त्राता,
तुम्ही घर में सुख समृद्धी को लाता ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
चैत्र में उमा को पुजू ,देवे सुख कि मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
वैशाख में पार्वती को पुजू ,देवे समृद्धी की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
ज्येष्ठ मे प्रियोत्तमा को पुजू ,देवे आरोग्य की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
आषाढ मे ललिता को पुजू ,देवे सुप्रसिद्धी की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
श्रावण मे कृष्णा को पुजू देवे यश कि मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
भाद्रपद मे गौरी को पुजू देवे दीर्घायुष्य की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
आश्विन मे हेमवती को पुजू देवे बल की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
कार्तिक मे रंभा को पुजू ,देवे ज्ञान की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
मार्गशीर्ष मे सावित्री को पुजू ,देवे भूसंपदा की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
पौष मे श्रीखंडा को पुजू,देवे संजीवन की मिठाई ॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
माघ मे तोतला को पुजू,देवे वाचा सिद्धी की मिठाई॥
जय गणेशा ,जय शिवशंकरा ,जय जय गौरीमाई ।
फाल्गुन मे त्रिपुरा को पुजू,जो अमिरस को पिलाई ॥
जय संकटनाशी ,जय संजीवनकारी ,जय संतोषकारी ।
जय संशमनी ,जय संचालक,जय जय संमोहनकारी ।
जय जीवनदायी ,जय जीवनकारी ,जय जय जीवनधारी ।
जय जीवनपाली ,जय जीवनसंधारी ,जय जय जीवनधारक ।
जय वरदायी, जय वरदहस्ता ,जय जय वरदाता ।
जय वंदनीय, जय वर्धनकारी ,जय जय वाकसिद्धीदाता ।
जय निरंजन, जय निर्मल, जय जय निर्गुणा ।
जो लेके एकीस नाम ,एकीस दुर्वा मोदक चढावे ।
अघोरी दुःख दारिद्रय को बुझाकार ,जीवन मे सुख समृद्धी लुटावे ॥
कर्पूर हवन करते करते मंत्र पढावे ।
घर को मान प्रतिष्ठा दिलाकर ,सन्मार्ग दिलावे ॥
ॐ स्वामी ॐ स्वामी ॐ स्वामी ।
हरी ॐ तत्सत् ॥
॥ श्रीगुरुदत्तात्रेयार्पणमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समर्थापर्ण मस्तु||